आज के इस पोस्ट में, सर्वनाम के कितने भेद होते हैं ? सर्वनाम किसे कहते हैं ? इस विषय से, हर साल यह से प्रश्न बनते हैं. इस लेख में हमने, सारी जानकारी प्रदान की गई है। इसको पढ़ने के बाद आपका सारे प्रश्न का हल होना तय है।
आप इसमें यह सीखने वाले हो सर्वनाम के कितने भेद होते हैं उदाहरण सहित। क्या होता है पुरुषवाचक सर्वनाम के कितने भेद होते हैं। और अंत में हमने आपके साथ सर्वनाम के भेद Worksheet भी साझा किया है।
तो चलिए पढ़ते हैं सर्वनाम कितने प्रकार के होते हैं in english। सबसे पहले हम देखेंगे, सर्वनाम किसे कहते हैं इसके कितने भेद होते हैं..
‘सर्वनाम’ का शाब्दिक अर्थ है- सर्व (सब) का नाम। अर्थात् जो शब्द सबके नामों के स्थान पर प्रयुक्त होते हैं, उन्हें सर्वनाम कहते हैं। सर्वनाम का प्रयोग करके हम एक ही संज्ञा शब्द को बार-बार प्रयोग करने से बचते हैं। नीचे दिए गए उदाहरण को ध्यानपूर्वक पढ़िए-
“अंजली सुंदर लड़की है। अंजली प्रतिदिन स्कूल जाती है। अंजली के भाई का नाम मनीष है। अंजली के पिताजी जीवन रेल्वे में काम करते हैं। अंजली को सभी प्यार करते हैं।” उपर्युक्त गद्यांश में ‘अंजली संज्ञा शब्द का प्रयोग पाँच बार हुआ है।
अंजली सुंदर लड़की है। अंजली प्रतिदिन स्कूल जाती है। उसका भाई का नाम मनीष है। उसके पिताजी जीवन रेल्वे में काम करते हैं। उसको को सभी प्यार करते हैं।
इस बार ‘अंजली ‘ शब्द एक बार ही आया है और उसके लिए ‘वह, उसके, उसको’ सर्वनामों का प्रयोग हुआ है।
ऐसे शब्द जो संज्ञा शब्दों के स्थान पर प्रयोग में लाए जाते हैं, सर्वनाम कहलाते हैं।
सर्वनाम शब्दों का प्रयोग संज्ञा शब्दों के पुनरावृत्ति से बचने के लिए किया जाता है। अनुच्छेद में बार-बार एक हो संज्ञा शब्द का प्रयोग करने से भाषा का सौंदर्य नष्ट होता है। निम्नलिखित उदाहरण द्वारा यह स्पष्ट हो जाता है।
दिल्ली ऐतिहासिक नगर है। दिल्ली के इतिहास में भारत के इतिहास की झलक मिलती है। दिल्ली की संस्कृति पर विभिन्न संस्कृतियों का प्रभाव पड़ा है। दिल्ली भारत की राजधानी है। दिल्ली में आधुनिक भारतीय संस्कृति की छवि देखा जा सकती है। एक ओर दिल्ली आधुनिकता की परिचायक है तो दूसरी ओर दिल्ली प्रदूषण रूपी कैंसर से रोगग्रस्त हो गई है।
उपरिलिखित अनुच्छेद में दिल्ली शब्द का बार-बार प्रयोग करने से भाषा की सुंदरता नष्ट हो गई। दिल्ली के स्थान पर सर्वनाम शब्दों का प्रयोग करने से भाषा का सौंदर्य प्रभावशाली हुआ है।
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सर्वनाम के भेद (Kinds of Pronoun)
सर्वनाम के छह भेद होते हैं-
- पुरुषवाचक सर्वनाम
- अनिश्चयवाचक सर्वनाम
- निजवाचक सर्वनाम
- पुरुषवाचक सर्वनाम (Personal Pronoun)
- निश्चयवाचक सर्वनाम
- प्रश्नवाचक सर्वनाम
- संबंधवाचक सर्वनाम
पुरुषवाचक सर्वनाम
पुरुषवाचक सर्वनाम व्यक्तियों के लिए प्रयुक्त किए जाते हैं। इनका प्रयोग तीन रूपों में होता है। वार्तालाप की स्थितियों के अनुसार इसके ये रूप बनते हैं।
(क) वार्तालाप करते समय बोलने वाले पहले व्यक्ति को वक्ता कहते हैं।
(ख) जिससे वक्ता वार्तालाप करता है उसे श्रोता कहते हैं। यह दूसरा व्यक्ति होता है।
(ग) वक्ता श्रोता से जिस अन्य व्यक्ति के विषय में वार्तालाप करता है, वह तीसरा व्यक्ति होता है।
इन तीन स्थितियों के आधार पर पुरुषवाचक सर्वनाम के तीन भेद होते हैं-
उत्तम पुरुष (First Person)
ऐसे सर्वनाम शब्द जिनका प्रयोग वक्ता (बोलने वाला) और लिखने वाला अपने लिए करता है, उन्हें उत्तम पुरुष कहते (क)
है। जैसे-
मैं फ़ोन पर बात करूँगा।
मैंने पत्रिका पढ़ ली।
मेरा जाना संभव नहीं है।
हमारा दौड़ना काम न आया।
हम अभी तक नहा नहीं सके।
हमें प्रथम पुरस्कार मिला।
मैं पत्र लिख रहा हूँ।
हमने सुजाता को भली-भाँति समझा दिया।
हम कॉपी में लिख रहे हैं।
इन वाक्यों में मैं, मेरा, मैंने, हम, हमारा, हमें, और हमने का प्रयोग वक्ता के लिए तथा मैं, हम का प्रयोग लिखने
वाले के लिए हुआ है।
(ख) मध्यम पुरुष (Second Person)
● ऐसे सर्वनाम शब्द जिनका प्रयोग सुनने वाले और पढ़ने वाले के लिए होता है, उन्हें मध्यम पुरुष कहते हैं। जैसे—
तू उदास क्यों है ?
तुम समझदार हो ।
तुमने आरती की पुस्तक लौटाकर अच्छा किया। तुम्हें बर्फी चाहिए या समोसा ?
तेरा उठकर जाना उचित था ।
तुमको पहले बताना चाहिए था।
तुम्हारा चिल्लाना सुनकर ही चोर भाग गए थे।
तुझसे यह हल्का-सा थैला तक नहीं उठाया जाता ?
इन वाक्यों में आए शब्दों तू, तुम, तुमने, तुम्हें, तेरा, तुम्हारा, तुमको और तुझसे का प्रयोग श्रोता के लिए किया गया
है। ये मध्यम पुरुष हैं।
आप का प्रयोग आदरार्थ मध्यम पुरुष के लिए भी होता है; जैसे-आप आगे आ जाएँ। तू सर्वनाम या तो अत्यंत समीपता, आत्मीयता प्रकट करने के लिए आता है, या निरादर और हीनता दिखाने के लिए;
जैसे—
माँ! तू जल्दी आ ।
(आत्मीयता)
तू बड़ा दुष्ट है।
(निरादर)
(ग) अन्य पुरुष (Third Person)
ऐसे सर्वनाम शब्द जिनका प्रयोग वक्ता और श्रोता किसी अन्य के लिए करते हैं, उन्हें अन्य पुरुष कहते हैं। जैसे—
वह गा रही थी।
उसे बाजार भेजो।
वे पढ़ते-पढ़ते सो गए।
उसके बाद यशपाल और नितिन कविताएँ सुनाएँगे।
उन्हें सम्मानित किया गया।
उनको चाय दे आओ।
उन्होंने मिलकर रंजन को पीटा।
उसमें धैर्य नहीं है।
इन वाक्यों में आए शब्दों वह, वे, उसे, उसके, उन्हें, उन्होंने, उनको और उसमें का प्रयोग अन्य व्यक्तियों के लिए किया गया है। ये अन्य पुरुष हैं।
2. निश्चयवाचक सर्वनाम (Demonstrative Pronoun)
जिस सर्वनाम से दूरवर्ती अथवा समीपवर्ती व्यक्तियों, प्राणियों, वस्तुओं और घटनाओं का निश्चित बोध होता है, उसे निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे—
‘भाई मतिदास चौक’ वह है ।
हमारे हिंदी के अध्यापक वे हैं।
सब्ज़ियाँ उसमें पड़ी हैं।
अटैचीकेस की चाबी यह है।
यह सीमा का मकान है।
डबलरोटी उससे ले आओ।
वह सरकारी विद्यालय है।
‘वह’ पुरुषवाचक (अन्यपुरुष) सर्वनाम और निश्चयवाचक
इन वाक्यों में वह, वे, उसमें, उससे और यह, वह निश्चयवाचक सर्वनाम हैं। ‘यह’ और सर्वनाम दोनों है। इन दोनों में अंतर इस
प्रकार होगा।
शशांक मेरा भाई है, वह मुंबई में रहता है।
(पुरुषवाचक सर्वनाम)
(निश्चयवाचक सर्वनाम)
यह किताब मेरी है, वह तुम्हारी है।
अनिश्चयवाचक सर्वनाम (Indefinite Pronoun)
जिस सर्वनाम से किसी निश्चित व्यक्ति, प्राणी या वस्तु का बोध नहीं होता, उसे अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहते
हैं। जैसे-
दूध में कुछ गिर गया।
स्नानागार में कोई स्नान कर रहा है।
किसी ने पत्थर मार दिया।
सभागार में शाम को कोई भाषण देगा। किसी को बुलाकर पलंग ठीक करा लो।
रोमी के साथ कोई खड़ा है।
बच्चा कुछ निगल गया है।
इन वाक्यों में आए कुछ, कोई और किसी अनिश्चयवाचक सर्वनाम हैं।
‘कोई’ सर्वनाम किसी व्यक्ति का बोध कराता है और ‘कुछ’ सर्वनाम किसी वस्तु का किंतु इनसे किसी निश्चित व्यक्ति
या किसी निश्चित वस्तु का बोध नहीं होता। जैसे—
दरवाज़े पर कोई खड़ा है।
दूध में कुछ पड़ गया है।
प्रश्नवाचक सर्वनाम (Interrogative Pronoun)
ऐसे सर्वनाम शब्द जिनसे किसी प्राणी, वस्तु, व्यक्ति और कार्य आदि के विषय में प्रश्न का बोध होता है, उन्हें प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे—
कपड़े कौन धो रही है ? तुम्हें क्या चाहिए?
कूड़ा किसने फेंका था ?
नाना जी किसे बुला रहे हैं?
रुपए किससे लाए हो?
भोजन पर किनको आमंत्रित किया है?
इन वाक्यों में कौन, किसने, क्या, किसे, किससे और किनको प्रश्नवाचक सर्वनाम हैं।
निजवाचक सर्वनाम (Reflexive Pronoun)
जो सर्वनाम पुरुषवाचक सर्वनाम के अपनेपन का बोध कराता है, उसे निजवाचक सर्वनाम कहते हैं। यह सर्वनाम कर्ता के साथ अपनापन (निजत्व) बताने के लिए आता है। जैसे-
मैं स्वयं सामान उठा लूँगा।
मैं अपने आप पहुँच गया।
स्वर्णलता स्वतः गुनगुनाने लगी।
मैं आप चला जाऊँगा।
माँ स्वयं भोजन बना रही है।
उस्ताद जी खुद चले आए।
इन वाक्यों में आए शब्द स्वयं, आप, स्वतः और खुद निजवाचक सर्वनाम हैं।
संबंधवाचक सर्वनाम (Relative Pronoun)
दो उपवाक्यों का आपस में संबंध स्थापित करने वाले सर्वनाम शब्दों को संबंधवाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसा कहा था वैसा कर दिखाया।
जैसे- जो नृत्य कर रही थी वह प्रिया की मौसी थी।
जिसे आना था उसने मना कर दिया।
मेरी वह कॉपी मिल गई जो खो गई थी।
जिसको अधिक अंक मिलेंगे वह पुरस्कार पाएगा।
जैसा बोया वैसा काटा।
जैसी करनी वैसी भरनी।
हुन वाक्यों में आए सर्वनाम शब्द जैसा-वैसा, जो वह, जिसने उसने, वह जो, जिसको वह, जैसा-वैसा और ईसी-वैसी संबंधबोधक सर्वनाम हैं।
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