Bhasha ke kitne roop hote hain मौखिक लिखित भाषा रूप class7,6 उदाहरण दीजिए।

क्या आपने कभी सोचा है bhasha ke kitne roop hote hain ?  हम अक्सर  यह प्रश्न करना भूल जाते हैं.  वैसे हम आज के इस लेख में जानेंगे  भाषा के रूप होते हैं,  और कितने रूप होते हैं. 

 बच्चों, मौखिक भाषा किसे कहते हैं उदाहरण सहित  हमने आपके साथ साझा किया है.  यह काफी मुख्य विषय है  हिंदी विषय का. आपको  जानकारी होनी चाहिए  लिखित भाषा किसे कहते हैं  और हिंदी भाषा के कितने भेद होते हैं. 

इस लेख को पढ़ने के बाद आपके जितनी भी  सवाल है भाषा को लेकर  जैसे ,भाषा के कितने रूप हैं? उनके तीन-तीन उदाहरण दीजिए।   इन सारे का सवाल हमने इस लेख में  कवर किया है. 

Bhasha ke kitne roop hote hain मौखिक  लिखित भाषा रूप  class7,6 उदाहरण दीजिए।

 आप चाहे कोई से भी  कक्षा के हो , आपको इस विषय पर प्रशन जरूर मिलेगा, भाषा के कितने रूप होते हैं class 7 class 6 भाषा के दो रूप होते हैं । तो चलो देखते हैं भाषा के कितने रूप होते हैं। 

Bhasha ke kitne roop hote hain ।

भाषा क्या है

भाषा मानव मुख से निकली वह सार्थक ध्वनिया  है जो अपने मन के भाव अथवा विचारों दूसरों तक पहुंचाने का काम करती  हैं। 

 भाषा तीन प्रकार के होते हैं 

  • मौखिक भाषा
  •  लिखित भाषा
  • सांकेतिक भाषा

मालवी बोली के क्षेत्र कौन से हैं

मालवी, या मालवी, भारत के मालवा क्षेत्र में बोली जाने वाली एक इंडो-आर्यन भाषा है। यह निमाड़ी से निकटता से संबंधित है, जो मध्य प्रदेश के निमाड़ क्षेत्र में बोली जाती है।

मालवी की बोलियाँ उज्जैनी (उज्जैन, धार, इंदौर, देवास, शाजापुर, सीहोर जिले), राजावाड़ी (रतलाम, मंदसौर, नीमच जिले), उमथवाड़ी (राजगढ़ जिला), और सोंधवाड़ी (झालावाड़ जिला) हैं। उज्जैनी प्रतिष्ठा बोली है, और समग्र भाषा कभी-कभी उस नाम से जाती है। मालवी भोयारी की मिश्रित बोली बैतूल और छिंदवाड़ा जिले में बोली जाती है।

मालवी की लगभग 75% आबादी हिंदी में बातचीत कर सकती है, जो मध्य प्रदेश राज्य की आधिकारिक भाषा है, और दूसरी भाषा जैसे हिंदी में साक्षरता दर लगभग 40% है। इस भाषा में कई अप्रकाशित सामग्री हैं।

भाषा के कितने रूप होते हैं उदाहरण सहित लिखिए

 भाषा के तीन रूप होते हैं. 

 मौखिक भाषा 

 भाषा का मूल रूप मौखिक ही है. मौखिक रूप को ही निश्चित और स्थाई आधार देने के लिए लिखित रूप की आवश्यकता पड़ती है . यही लिखित भाषा एवं उसके साहित्य को सुरक्षित रखता है. दूसरे शब्द में कह दो जो हम मुख से बोलते हैं उसे ही मौके भाषा कहते हैं.

 लिखित भाषा

 जो आप अभी पढ़ रहे हो,  इसको ही लिखित भाषा कहते हैं.  लिखित भाषा ही  पूर्ण धारण से  साहित्य को मजबूत करके रखती है.  बिना लिखित भाषा के कोई भी भाषा लंबे समय तक के टिक नहीं पाएगा. 

सांकेतिक भाषा

 सांकेतिक भाषा मतलब वह भाषा जो संकेत के द्वारा दी जाती है.  यह भाषा उनके लिए अनिवार्य हो जाता है जिनको सुनने में और देखने में परेशानी होती है.  इसे दूसरे शब्दों में कहे तो जो इशारा में बात किया जाता है उसे ही सांकेतिक भाषा कहते हैं. 

मौखिक भाषा किसे कहते हैं उदाहरण सहित

मौखिक भाषा में भाषा है जिसे हम मुख से बोलते हैं.  मौखिक भाषा में भी अलग अलग श्रेणी में मौखिक भाषा बोली जाती हैं. भाषा का मूल रूप मौखिक ही है. मौखिक रूप को ही निश्चित और स्थाई आधार देने के लिए लिखित रूप की आवश्यकता पड़ती है . यही लिखित भाषा एवं उसके साहित्य को सुरक्षित रखता है.

हिंदी भारत के उत्तरी हिस्सों में सबसे व्यापक बोली जाने वाली भाषा है। भारतीय जनगणना “हिंदी” की व्यापक विविधता के रूप में “हिंदी” की व्यापक संभव परिभाषा लेती है।2011 की जनगणना के अनुसार, 43.63% भारतीय लोगों ने हिंदी को अपनी मूल भाषा या मातृभाषा घोषित कर दिया है।भाषा डेटा 26 जून 2018 को जारी किया गया था। भिली / भिलोदी 1.04 करोड़ वक्ताओं के साथ सबसे ज्यादा बोली जाने वाली गैर अनुसूचित भाषा थी, इसके बाद गोंडी 29 लाख वक्ताओं के साथ थीं। भारत की जनगणना २०११ में भारत की आबादी का 96.71% 22 अनुसूचित भाषाओं में से एक अपनी मातृभाषा के रूप में बोलता है। 

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