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व्यंजन कितने प्रकार के होते हैं हिंदी में,अंतस्थ,स्पर्श,संयुक्त,ऊष्म व्यंजन कितने होते हैं Vyanjan in hindi.

आज के इस पोस्ट में व्यंजन कितने होते हैं जानेंगे.  वैसे इस विषय पर अधिकतर बहुत सारे प्रश्न आते हैं और बच्चे हमेशा इस प्रश्न को हल करना छोड़ देते हैं.  यह काफी आसान है लेकिन बहुत कम लोग ही इस विषय पर अपनी पकड़ बना पाते हैं. 

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व्यंजन कितने प्रकार के होते हैं हिंदी में,अंतस्थ,स्पर्श,संयुक्त,ऊष्म व्यंजन कितने होते हैं Vyanjan in hindi

  बहुत लोगों को यह नहीं पता कि व्यंजन कितने होते हैं,  और बहुत लोगों को कंफ्यूज रहता है  के व्यंजन व्यंजन 33  होते हैं या 37. 

 इन सारे सवालों का जवाब आपको तभी मिलेगा जब इस post को आप अंत के पढ़ेंगे 

अगर आपको इस विषय पर पकड़ बनाना है,  तो जाना होगा व्यंजन कौन कौन से होते हैं.  उसके अलग-अलग प्रकार जैसे 

अंतस्थ व्यंजन कितने होते हैं

स्पर्श व्यंजन कितने होते हैं

संयुक्त व्यंजन कितने होते हैं ?

ऊष्म व्यंजन कितने होते हैं

नीचे से पूरा पीडीएफ़ डाउनलोड करे ।

व्यंजन किसे कहते है ?

जिन वर्णों के उच्चारण में वायु रुकावट या घर्षण के साथ मुँह से बाहर आती है, उन्हें व्यंजन कहते हैं। व्यंजन

का उच्चारण सदा स्वर की सहायता से होता है; जैसे- क् + अ = क  : प् + अ = प

व्यंजन कौन कौन से होते हैं ओर कितने होते है ?

हिंदी में कुल 37 व्यंजन हैं। इनमें दो आगत व्यंजन ‘ज़’ और ‘फ़’ भी सम्मिलित हैं। 

व्यंजन कौन कौन से होते हैं

इन्हें निम्नलिखित श्रेणियों में विभाजित किया गया है 

  •  स्पर्श व्यंजन – 27 व्यंजन
  • अंतस्थ- 4 व्यंजन
  • ऊष्म – 4 व्यंजन
  •  आगत – 2 व्यंजन

क्ष, त्र, ज्ञ, श्र मूलतः व्यंजन नहीं हैं, ये संयुक्त व्यंजन हैं।

स्पर्श व्यंजन कितने होते हैं

 स्पर्श व्यंजन 27 होते हैं. 

स्पर्श व्यंजन – इनका उच्चारण जीभ द्वारा कंठ, तालु, मूर्धा, दाँत, ओष्ठ स्थानों के स्पर्श से होता है। उच्चारण स्थानों के अनुसार इनके वर्ग इस प्रकार हैं : 

 ङ, ञ, ण, न, व्यंजन वर्णों का उच्चारण नासिका के साथ क्रमशः कंठ, तालु, मूर्धा, दाँत, ओष्ठ के स्पर्श से होता है, अत: इन्हें ‘नासिक्य व्यंजन’ भी कहते हैं।

ड़ और ढ़ वर्ण शब्द के आरंभ में नहीं आते लेकिन मध्य और अंत में इनका प्रयोग होता है; जैसे—पड़ना, पीड़ा, पढ़ना, पीढ़ा।

ड-ड़ और ढ-ढ़ के अंतर को समझना भी महत्वपूर्ण है; जैसे—डाकू – सड़क, ढक्कन – बूढ़ा।

अंतस्थ व्यंजन कितने होते हैं

 अंतस्थ व्यंजन 4 होते हैं.

अंतस्थ व्यंजन ( Simi Vowels) – अंतस्थ का अर्थ है-स्वर और व्यंजन के बीच में (स्थित)। इनका उच्चारण जीभ, तालु, दाँत और होठों के निकट आने से होता है, किंतु श्वास में रुकावट कम होती है; जैसे—य, र, ल, व इन वर्णों में ‘य’ और ‘व’ अर्द्ध स्वर हैं।

ऊष्म व्यंजन कितने होते हैं

ऊष्म व्यंजन 4  होते हैं. 

ऊष्म व्यंजन (Sibilants) – इनका उच्चारण रगड़ या घर्षण से उत्पन्न वायु से होता है, जैसे- श, ष, स, ह ‘श’ के उच्चारण में जीभ तालु को और ‘स’ के उच्चारण में दाँतों की जड़ को छूती है। ‘ष’ को मूर्धन्य वर्ण कहा जाता है, किंतु इसका उच्चारण अब प्रायः ‘श’ की भाँति होता है। यह वर्ण संस्कृत के तत्सम शब्दों के लेखन में प्रयुक्त होता है; जैसे—दोष, विषम, पुरुष, संघर्ष ।

आगत वर्ण क्या है

आगत वर्ण (Foreign Alphabet) — अरबी, फ़ारसी और अंग्रेजी भाषाओं से आए कुछ शब्दों के शुद्ध उच्चारण के लिए हिंदी में ज़, फ़ (नीचे बिंदु) वर्णों का प्रयोग होता है; जैसे-ज़रा, ज़ेबरा, फ़ौरन, रफू ।

संयुक्त व्यंजन कितने होते हैं  

संयुक्त व्यंजन चार होते हैं. 

संयुक्त व्यंजन क्या होता है ?

 संयुक्त व्यंजन (Combined Consonants) – ये दो व्यंजन वर्णों के संयोग से बनते हैं। ये स्वतंत्र व्यंजन नहीं

हैं; जैसे

क्ष (क् + ष)

त्र ( त् + र)

ज्ञ (ज् + ञ)

श्र (श् + र)

उम्मीद करता हूं आपको यह लेख काफी ज्ञानवर्धक लगा होगा.  अगर आपको कोई प्रश्न है या किसी उत्तर का आपको समाधान नहीं मिल रहा है तो नीचे कमेंट करें या आप हमसे चैट के माध्यम से भी बात कर सकते हैं पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद. 

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